हाल ही में, भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) ने राष्ट्रीय नंबरिंग योजना में संशोधन के लिए नई सिफारिशें जारी की हैं। इन परिवर्तनों का उद्देश्य दूरसंचार नंबरिंग संसाधनों की उपलब्धता और प्रबंधन को बेहतर बनाना है, जिससे आपके मोबाइल नंबर में बदलाव संभव है। आइए, इन नई गाइडलाइनों के प्रमुख बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा करें।
10-अंकीय नंबरों में बदलाव
TRAI ने सिफारिश की है कि मशीन-टू-मशीन (M2M) कनेक्शनों के लिए उपयोग होने वाले 10-अंकीय मोबाइल नंबरों को 13-अंकीय नंबरों में परिवर्तित किया जाए। इससे मोबाइल नंबरिंग संसाधनों की कमी की समस्या का समाधान होगा और भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकेगा। इस परिवर्तन का सीधा प्रभाव उन उपयोगकर्ताओं पर पड़ेगा जो M2M सेवाओं का उपयोग करते हैं, जैसे कि स्मार्ट डिवाइस और IoT उपकरण।
लैंडलाइन से कॉलिंग में बदलाव
TRAI ने सुझाव दिया है कि सभी लैंडलाइन से मोबाइल कॉल करने के लिए अब ‘0’ उपसर्ग का उपयोग अनिवार्य किया जाए। इसका मतलब है कि लैंडलाइन से मोबाइल पर कॉल करने से पहले ‘0’ डायल करना होगा। इस बदलाव से लैंडलाइन और मोबाइल नंबरिंग के बीच स्पष्ट अंतर स्थापित होगा और नंबरिंग संसाधनों का बेहतर प्रबंधन संभव होगा।
निष्क्रिय नंबरों का पुनः आवंटन
TRAI ने सिफारिश की है कि यदि कोई मोबाइल नंबर 90 दिनों तक निष्क्रिय रहता है, तो उसे तुरंत बंद नहीं किया जाना चाहिए। हालांकि, यदि कोई नंबर 365 दिनों तक उपयोग में नहीं आता है, तो उसे अनिवार्य रूप से निष्क्रिय कर दिया जाना चाहिए और पुनः आवंटन के लिए उपलब्ध कराया जाना चाहिए। इससे निष्क्रिय नंबरों का पुनः उपयोग संभव होगा और नंबरिंग संसाधनों की कमी की समस्या का समाधान होगा।
कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) प्रणाली का कार्यान्वयन
स्पैम कॉल्स और साइबर धोखाधड़ी से निपटने के लिए, TRAI ने कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) प्रणाली को जल्द से जल्द लागू करने की सिफारिश की है। इस प्रणाली के माध्यम से, कॉल करने वाले का नाम रिसीवर की स्क्रीन पर प्रदर्शित होगा, जिससे उपयोगकर्ता अज्ञात या संदिग्ध कॉल्स से सावधान रह सकेंगे। यह कदम उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा और गोपनीयता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
आप पर इसका प्रभाव
इन नई गाइडलाइनों के लागू होने से आपके मोबाइल नंबर में बदलाव संभव है, विशेषकर यदि आप M2M सेवाओं का उपयोग करते हैं। इसके अलावा, लैंडलाइन से मोबाइल पर कॉल करने के तरीके में भी परिवर्तन होगा। निष्क्रिय नंबरों के पुनः आवंटन से यह सुनिश्चित होगा कि उपयोग में न आने वाले नंबरों का सही ढंग से प्रबंधन हो सके। अंततः, CNAP प्रणाली के माध्यम से स्पैम कॉल्स और धोखाधड़ी से बचाव में मदद मिलेगी।
Conclusion- TRAI
TRAI की नई गाइडलाइनों का उद्देश्य दूरसंचार सेवाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा में सुधार करना है। इन परिवर्तनों से उपयोगकर्ताओं को बेहतर सेवा और सुरक्षा मिलेगी। हालांकि, इन परिवर्तनों के बारे में जागरूक रहना और आवश्यकतानुसार अपने उपकरणों और सेवाओं को अपडेट करना महत्वपूर्ण है, ताकि आप इनका पूरा लाभ उठा सकें।
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