RBI ने सिबिल स्कोर को लेकर बनाएं 6 नए नियम, 1 तारीख से लागू आइए जानते हैं, इन नए नियमों के बारे में विस्तार से

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भारतीय रिजर्व बैंक ने क्रेडिट स्कोर से संबंधित नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। यह नए नियम ग्राहकों की सुविधा और उनके हितों की रक्षा को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। इन नियमों से न केवल लोन प्रक्रिया सरल होगी, बल्कि ग्राहकों को अपने क्रेडिट स्कोर की बेहतर जानकारी भी मिलेगी।

RBI के इन नए नियमों का उद्देश्य वित्तीय क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ाना और ग्राहकों को उनके क्रेडिट स्कोर के बारे में अधिक जानकारी देना है। इन बदलावों से ग्राहकों को उनके वित्तीय स्थिति की बेहतर समझ मिलेगी और वह लोन लेने के लिए बेहतर निर्णय ले सकेंगे। तो आइए जानते हैं, इन नए नियमों के बारे में विस्तार से।

1. हर 15 दिन में अपडेट होगा क्रेडिट स्कोर

अब ग्राहकों का क्रेडिट स्कोर हर 15 दिन में अपडेट किया जाएगा। यह अपडेट हर महीने की 15 तारीख और महीने के अंत में होगा। इससे ग्राहकों को अपने क्रेडिट स्कोर की ताजा स्थिति का पता चलता रहेगा। जब भी आपको अपने स्कोर की जानकारी चाहिए, आपको यह तुरंत उपलब्ध होगा, जिससे लोन आवेदन और अन्य वित्तीय निर्णय लेना आसान होगा।

2. सूचना भेजना अब अनिवार्य

आरबीआई के नए नियमों के तहत, बैंक या एनबीएफसी को अब ग्राहक की क्रेडिट रिपोर्ट चेक करने पर उन्हें सूचित करना होगा। यह सूचना एसएमएस या ईमेल के माध्यम से दी जाएगी। इससे ग्राहकों को अपनी क्रेडिट गतिविधियों पर नजर रखने में मदद मिलेगी और वह किसी भी अनधिकृत चेकिंग से बच सकेंगे।

3. रिजेक्शन की वजह बताना जरूरी

यदि किसी ग्राहक का लोन आवेदन अस्वीकार किया जाता है, तो अब बैंकों को इसका कारण बताना होगा। इससे ग्राहकों को अपनी क्रेडिट स्थिति को सुधारने के लिए दिशा मिल सकेगी और वह जान सकेंगे कि उनके आवेदन को क्यों खारिज किया गया। यह नियम ग्राहकों के लिए मददगार साबित होगा और उन्हें अपनी वित्तीय स्थिति को सुधारने का मौका मिलेगा।

4. मुफ्त में मिलेगी क्रेडिट रिपोर्ट

नए नियमों के तहत, क्रेडिट कंपनियों को हर साल एक बार ग्राहकों को मुफ्त में पूर्ण क्रेडिट रिपोर्ट उपलब्ध करानी होगी। इसके लिए कंपनियों को अपनी वेबसाइट पर विशेष लिंक प्रदान करना होगा, जिससे ग्राहक आसानी से अपनी रिपोर्ट प्राप्त कर सकेंगे और अपनी क्रेडिट हिस्ट्री को जांच सकेंगे।

5. डिफॉल्ट की पूर्व सूचना

यदि कोई ग्राहक लोन डिफॉल्ट करता है, तो संस्थाओं को पहले ग्राहक को सूचित करना होगा। यह सूचना एसएमएस या ईमेल के माध्यम से भेजी जाएगी। इसके अलावा, बैंकों को नोडल अधिकारी नियुक्त करने होंगे जो क्रेडिट स्कोर से संबंधित समस्याओं का समाधान करेंगे। इससे ग्राहकों को समय रहते जानकारी मिल सकेगी और वह अपने लोन के भुगतान में कोई चूक नहीं करेंगे।

6. शिकायत निवारण का समय सीमित

आरबीआई के नए नियमों के अनुसार, अब संस्थाओं को ग्राहकों की शिकायतों का निपटारा 30 दिनों के भीतर करना होगा। अगर वह इस समय सीमा का उल्लंघन करते हैं, तो संस्थाओं को प्रतिदिन 100 रुपये का जुर्माना देना होगा। बैंकों को 21 दिन और क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिन का समय दिया गया है शिकायतों का समाधान करने के लिए। यह नियम ग्राहकों को जल्दी समाधान मिलने में मदद करेगा।

निष्कर्ष:

आरबीआई के ये नए नियम ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हैं। इससे क्रेडिट स्कोर सिस्टम में पारदर्शिता आएगी और ग्राहकों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी। यह बदलाव वित्तीय क्षेत्र में एक सकारात्मक परिवर्तन की शुरुआत है। अब, ग्राहकों को अपनी क्रेडिट स्थिति पर ज्यादा नियंत्रण मिलेगा और लोन प्रक्रिया में आसानी होगी।

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