Mentha farming: किसान भाइयों, अगर आप कम समय में अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो मेंथा की खेती आपके लिए एक सुनहरा अवसर है। मेंथा का तेल बाजार में लगभग 1000 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बिकता है, जिससे आपकी कमाई के अवसर बढ़ जाते हैं। आइए जानते हैं मेंथा की खेती से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियाँ।
मेंथा की बुवाई का सही समय
मेंथा की बुवाई का उपयुक्त समय 15 जनवरी से 15 फरवरी तक होता है। इस अवधि में बुवाई करने से फसल की उपज और तेल की मात्रा अधिक मिलती है। देर से बुवाई करने पर तेल की मात्रा कम हो जाती है और उपज भी घटती है।
मिट्टी और जलवायु
मेंथा की खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है। इसके अलावा, जल निकासी वाली भुरभुरी और उपजाऊ मिट्टी भी इसके लिए अच्छी होती है। मेंथा की खेती के लिए 15-20 डिग्री सेल्सियस तापमान अच्छा होता है।
खेत की तैयारी और बुवाई
खेत की जुताई करके मिट्टी को भुरभुरी बना लें और उसमें गोबर की खाद मिलाएं। मेंथा की बुवाई के लिए 15 जनवरी से 15 फरवरी तक का समय उपयुक्त है। देर से बुवाई करने पर तेल की मात्रा कम हो जाती है और उपज भी घटती है।
सिंचाई और देखभाल
बुवाई के तुरंत बाद पहली सिंचाई करें। इसके बाद, फसल को हल्की नमी की आवश्यकता होती है, इसलिए हर 8 दिन में सिंचाई करें। मेंथा की फसल की कटाई प्रायः दो बार की जाती है।
कटाई और तेल निष्कर्षण
मेंथा की फसल की कटाई प्रायः दो बार की जाती है। एक हेक्टेयर में लगाई गई मेंथा की फसल से लगभग 150 किलोग्राम तेल प्राप्त होता है।
कमाई की संभावनाएँ
मेंथा की खेती से किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा होता है। एक हेक्टेयर में मेंथा की खेती करने से लगभग 150 किलोग्राम तेल प्राप्त होता है, जो बाजार में 1000 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बिकता है। इस प्रकार, एक हेक्टेयर में मेंथा की खेती से लगभग 1.5 लाख रुपये की कमाई हो सकती है।
निष्कर्ष
मेंथा की खेती कम समय में अधिक मुनाफा देने वाली फसल है। सही समय पर बुवाई, उचित देखभाल और समय पर कटाई से आप 110 दिनों में लाखों की कमाई कर सकते हैं। तो, देर किस बात की? आज ही मेंथा की खेती की योजना बनाएं और अपनी आय में वृद्धि करें।