न बिजली, न सोलर, फिर भी 24 घंटे पानी! इस किसान ने Siphon तकनीक से बदल दी सिंचाई का तरीका, जानें कैसे

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भारत के किसानों के लिए सिंचाई एक बहुत बड़ी चुनौती रही है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां पानी की कमी हो या बिजली का अभाव हो। ऐसे में कई किसान सोलर पैनल का सहारा लेते हैं, लेकिन यह हमेशा कारगर नहीं हो पाता, खासकर तब जब बादल आ जाते हैं। लेकिन जालना जिले के एक किसान ने एक बेहतरीन देसी जुगाड़ से यह समस्या हल कर दी है। इस किसान ने Water Irrigation Siphon Technique (साइफन तकनीक) का उपयोग कर अपने खेत में 24 घंटे पानी की व्यवस्था की है, और वह भी बिना बिजली या सोलर पैनल के। आइए जानते हैं कि उन्होंने यह कैसे किया।

राम प्रसाद खैरे का देसी जुगाड़

जालना जिले के वाखरी गांव में रहने वाले राम प्रसाद खैरे के पास 20 एकड़ का पैतृक खेत है। उनका खेत ऊँचाई पर स्थित है, जिससे पानी पहुंचाना एक बड़ी चुनौती थी। पहले उन्होंने सोलर पैनल का उपयोग किया, लेकिन बादल आने पर बिजली की कमी हो जाती थी। फिर उन्होंने एक देसी जुगाड़ अपनाया और अपने खेत को बिना बिजली और सोलर के 24 घंटे पानी देने की व्यवस्था कर डाली।

साइफन विधि क्या है?

साइफन विधि एक पुरानी लेकिन प्रभावी तकनीक है, जिससे तरल पदार्थों को ऊँचाई से निचले स्तर पर बिना किसी पंप के लाया जा सकता है। इसमें एक मुड़ी हुई नली का उपयोग किया जाता है। नली के एक सिरे को ऊँचाई पर रखा जाता है और दूसरे सिरे को पानी के स्रोत में डाला जाता है। जब नली पानी से भर जाती है और उसमें एयर प्रेशर बनता है, तो पानी अपने आप नीचे की ओर बहने लगता है। इस प्रक्रिया में न तो बिजली की जरूरत होती है और न ही किसी महंगे उपकरण की।

किसानों के लिए आसान और किफायती उपाय

राम प्रसाद खैरे का कहना है कि साइफन विधि किसी भी किसान के लिए बहुत आसान और किफायती है। अगर खेत की ऊँचाई थोड़ी अधिक हो, तो इस विधि को आसानी से अपनाया जा सकता है। इसके लिए किसी महंगे उपकरण या सोलर पैनल की जरूरत नहीं होती, और न ही इसे मेंटेन करने के लिए किसी खर्च की आवश्यकता होती है। इसके बाद से उन्हें अब पानी के लिए बिजली या सोलर पैनल पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं पड़ी।

साइफन विधि का सही इस्तेमाल कैसे करें?

साइफन विधि का सही तरीके से उपयोग करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण स्टेप्स का पालन करना जरूरी है:

  1. पाइप का चुनाव करें – सबसे पहले एक लंबी पाइप लें जो ऊँचाई वाले खेत तक पहुँच सके।
  2. पाइप के सिरे का सही स्थान – पाइप के एक सिरे को पानी के स्रोत में डालें और दूसरे सिरे को खेत की ऊँचाई पर रखें।
  3. पाइप को पानी से भरें – पाइप को पूरी तरह पानी से भरें और उसमें से हवा निकालें।
  4. एयर प्रेशर बनाए रखें – पाइप में एयर प्रेशर बनने के बाद, उसके ऊपरी सिरे को खोलें, जिससे पानी का प्रवाह शुरू हो जाएगा।
  5. प्रवाह बनाए रखें – एक बार यह प्रक्रिया शुरू हो जाने के बाद, पानी का प्रवाह बिना किसी रुकावट के चलता रहेगा।

निष्कर्ष

राम प्रसाद खैरे ने अपनी मेहनत और सृजनात्मकता से साबित कर दिया कि समस्या का समाधान सस्ता और सरल हो सकता है। Water Irrigation Siphon Technique का उपयोग करके उन्होंने न केवल अपने खेत में पानी की व्यवस्था की, बल्कि अन्य किसानों के लिए भी एक आदर्श प्रस्तुत किया है। अगर आप भी ऐसे किसी जुगाड़ को अपनाना चाहते हैं, तो यह विधि आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है।

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