आज के समय में लगभग हर किसी का बैंक में सेविंग अकाउंट होता है, जिसमें लोग अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रखते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि बैंक में एक निश्चित न्यूनतम बैलेंस (Minimum Balance) बनाए रखना जरूरी होता है? खासकर HDFC बैंक में, अगर आप तय सीमा से कम बैलेंस रखते हैं, तो आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है। कई लोग इस नियम से अंजान होते हैं और बाद में उन्हें भारी चार्ज देना पड़ता है।
इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि HDFC बैंक में सेविंग अकाउंट के लिए कितना मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी है, अगर बैलेंस कम हुआ तो कितना चार्ज कटेगा, और इससे बचने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं। अगर आप भी HDFC बैंक के ग्राहक हैं, तो इस जानकारी को अंत तक जरूर पढ़ें, ताकि आप अनावश्यक पेनल्टी से बच सकें।
HDFC बैंक में मिनिमम बैलेंस की जरूरत कितनी?
HDFC बैंक ने ग्राहकों के लिए अलग-अलग श्रेणियों में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने का नियम तय किया है। यह नियम आपके अकाउंट के ब्रांच लोकेशन पर निर्भर करता है। आइए जानते हैं कि आपको किस क्षेत्र में कितना बैलेंस रखना होगा:
- शहरी (Urban) शाखाएँ: कम से कम ₹10,000
- अर्ध-शहरी (Semi-Urban) शाखाएँ: कम से कम ₹5,000
- ग्रामीण (Rural) शाखाएँ: कम से कम ₹2,500
अगर आप अपने सेविंग अकाउंट में उपरोक्त राशि बनाए नहीं रखते हैं, तो बैंक आपके खाते से कुछ चार्ज काट सकता है, जिसे “नॉन-मेंटेनेंस चार्ज” कहा जाता है।
अगर बैलेंस कम हुआ तो कितना चार्ज कटेगा?
अगर आपका बैलेंस तय सीमा से कम हो जाता है, तो HDFC बैंक आपके खाते से चार्ज काटता है। यह चार्ज बैंक की पॉलिसी के आधार पर अलग-अलग हो सकता है।
- शहरी क्षेत्र (Urban Branches): अगर बैलेंस ₹7,500 से कम हुआ तो ₹150 से ₹600 तक का जुर्माना लग सकता है।
- अर्ध-शहरी क्षेत्र (Semi-Urban Branches): अगर बैलेंस ₹2,500 से कम हुआ तो ₹150 से ₹300 तक का चार्ज देना होगा।
- ग्रामीण क्षेत्र (Rural Branches): अगर बैलेंस ₹2,500 से कम हुआ तो ₹150 से ₹300 तक जुर्माना लगेगा।
ध्यान रखें कि यह चार्ज महीने के अंत में या तिमाही आधार पर काटा जाता है। इसलिए, यदि आपका अकाउंट लंबे समय तक निर्धारित सीमा से नीचे रहता है, तो आपको बार-बार चार्ज देना पड़ सकता है।
HDFC बैंक में जीरो बैलेंस अकाउंट का ऑप्शन
अगर आप बार-बार मिनिमम बैलेंस बनाए रखने में दिक्कत महसूस कर रहे हैं, तो HDFC बैंक का जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इस अकाउंट में आपको कोई न्यूनतम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं होती और आपको बैंक की सुविधाएँ जैसे नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, एटीएम कार्ड आदि भी मिलती हैं।
जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट खासतौर पर उन लोगों के लिए उपयोगी होता है, जिनका बैंक अकाउंट सिर्फ पैसों के लेन-देन के लिए इस्तेमाल होता है और जो न्यूनतम बैलेंस रखने में कठिनाई महसूस करते हैं।
नुकसान से बचने के लिए क्या करें?
अगर आप अपने खाते से अनावश्यक चार्ज बचाना चाहते हैं, तो कुछ आसान टिप्स अपना सकते हैं:
- ऑटो डेबिट सुविधा सेट करें: अगर आप चाहते हैं कि आपका अकाउंट हमेशा निर्धारित सीमा में बना रहे, तो ऑटो डेबिट के जरिए अपने किसी अन्य अकाउंट से इसमें पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं।
- बैंक से पूछताछ करें: अगर आपको अपने खाते में बार-बार चार्ज लगने की समस्या आ रही है, तो बैंक से संपर्क कर इसका सही समाधान पूछ सकते हैं।
- जीरो बैलेंस अकाउंट में शिफ्ट करें: यदि आप बार-बार बैलेंस मेंटेन करने में असमर्थ हैं, तो जीरो बैलेंस अकाउंट में स्विच कर सकते हैं।
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